Tuesday, November 3, 2020

करवा चौथ पर बनाए जाते हैं पति के कई रूप


    file photo source: social media

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ कहते हैं। सुहागवती स्त्रियां इस व्रत को पति के दीर्घजीवी होने के लिए करती हैं। इस दिन सुहागिन स्त्रियां चावल पीसकर, दीवार पर करवा चौथ बनाती हैं, जिसे वर कहते हैं इस करवा चौथ में पति के अनेकों रूप बनाएं जाते हैं तथा सुहाग की वस्तुएं जैसे चूडी, बिन्दी, बिछुआ मेंहदी और महावर आदि के साथ साथ दूध देने वाली गाय, करूआ बेचने वाली नाईन चूडी पहनाने वाली मनिहारिन सात भाई और उनकी इकलौती बहन सूर्य, चन्द्रमा, गौरा और पार्वती आदि देवी देवताओं के भी चित्र बनायें जाते हैं।

सुहागिन स्त्रियों को इस दिन निर्जल व्रत रखना चाहिए, रात्रि को जब चन्द्रमा निकल आये, तब उसे अर्ध्य देकर तथा बडों के पैर छूकर और अपने पति की पूजा कर भोजन करना चाहिए।

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