नई दिल्ली। गुड़गांव निवासी अनिल राणा [परिवर्तित नाम] तीन बेटियां पाकर बहुत खुश हैं। हो भी क्यों नहीं शादी के छह वर्ष बाद उन्हें एक साथ तीन बच्चियों का संतान सुख मिला। वे संतान प्राप्ति के लिए इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट भी करा चुके थे, लेकिन संतान-सुख नसीब नहीं हुआ। आखिरकार उनकी आस पंजाबी बाग के महाराजा अस्पताल में पूरी हुई। जहां 29 सितंबर को उनकी पत्नी पल्लवी [परिवर्तित नाम] ने विट्रो फर्टिलाइजेशन फैसिलिटी तकनीक से एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया।
डा. पायल सहगल व डा. एके जैन एंब्रियोलॉजिस्ट की देखरेख में पति के शुक्राणु व पत्नी के अंडाणु को खास तापमान व वातावरण में टेस्ट ट्यूब में रखकर फर्टिलाइज कराया जाता है। इस फर्टिलाइजेशन के बाद बने भ्रूण को पत्नी के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। इसके बाद भ्रूण की सामान्य वृद्धि होने लगती है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक को विट्रो फर्टिलाइजेशन फैसिलिटी [आईवीएफ] कहा जाता है।
डा. गुप्ता के मुताबिक यह तकनीक नि:संतान दंपतियों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस तकनीक से बच्चा पाने में फ्भ् हजार रुपये खर्च आता है। अस्पताल के मुख्य संरक्षक नंद किशोर गर्ग के मुताबिक गरीब नि:संतान दंपति को यह सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
[साभार दैनिक जागरण]
डा. पायल सहगल व डा. एके जैन एंब्रियोलॉजिस्ट की देखरेख में पति के शुक्राणु व पत्नी के अंडाणु को खास तापमान व वातावरण में टेस्ट ट्यूब में रखकर फर्टिलाइज कराया जाता है। इस फर्टिलाइजेशन के बाद बने भ्रूण को पत्नी के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। इसके बाद भ्रूण की सामान्य वृद्धि होने लगती है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक को विट्रो फर्टिलाइजेशन फैसिलिटी [आईवीएफ] कहा जाता है।
डा. गुप्ता के मुताबिक यह तकनीक नि:संतान दंपतियों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस तकनीक से बच्चा पाने में फ्भ् हजार रुपये खर्च आता है। अस्पताल के मुख्य संरक्षक नंद किशोर गर्ग के मुताबिक गरीब नि:संतान दंपति को यह सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
[साभार दैनिक जागरण]
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