Sunday, September 9, 2018

अब सवर्णों के NOTA प्रचार को भाजपा ने बनाया हथियार, गढ़ दी ये नई परिभाषा



नई दिल्‍ली [सुनीता कुमारी]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शब्‍दों की नई-नई परिभाषा गढ़ने की कला में अब भाजपा कार्यकर्ता भी परांगत होने लगे हैं। पश्चिम उत्‍तर प्रदेश भाजपा ने देशभर में एससी/एसटी एक्‍ट को लेकर सवर्णों में पनप रही नाराजगी को देखते हुए नोटा (NOTA) का नया ही मतलब गढ़ दिया है। उसने NOTA को नए रूप में परिभाषित करते हुए लिखा है 'नमो वन टाइम अगेन' 2019। जिसका हिंदी में मतलब है 'नमो एक बार फिर' 2019 में।

एससी/एसटी एक्‍ट पर उच्‍चतम न्‍यायालय के फैसले को संसद द्वारा बदल डालने पर सवर्ण समाज भारतीय जनता पार्टी समेत सभी पार्टियों से नाराज हैं। केंद्र में सत्‍तारुढ़ होने की वजह से सवर्ण समाज की नाराजगी भाजपा से कुछ ज्‍यादा ही नजर आ रही है। संसद द्वारा एससी/एसटी एक्‍ट में संशोधन कर उच्‍चतम न्‍यायालय के फैसले को पलटने पर सवर्ण समाज भाजपा को उसी कटघरे में खड़ा कर रहा है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्‍वर्गीय राजीव गांधी को शाहबानो प्रकरण में भाजपा आज तक खड़ी करती आ रही है। जिसमें मुसलिम समुदाय के दबाव में राजीव गांधी सरकार ने संसद में उच्‍चतम न्‍यायालय के फैसले को पलट दिया था। 

भाजपाशासित मध्‍य प्रदेश में इसका मुखर विरोध तब देखने को मिला, जब सीधी जिले की चुरूहट विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उनके रथ पर पथराव किया गया और जूता फेंका गया। इस पथराव में रथ का शीशा भी टूट गया था। मप्र में कांग्रेस नेताओं सिंधिया और कमलनाथ को भी सवर्णों का विरोध सहना पड़ा। सवर्णों के सोशल मीडिया द्वारा आहूत 6 सितंबर के बंद का मप्र, बिहार समेत कई राज्‍यों में जबरदस्‍त प्रभाव देने को मिला।

मप्र में विधानसभा चुनाव नजदीक है और सवर्ण समाज के बढ़ते विरोध प्रदर्शन से भाजपा और कांग्रेस के प्रचार कार्यक्रम बाधित होने लगे हैं। इस प्रचड़ विरोध के चलते दोनों पार्टियों के वरिष्‍ठ नेताओं की पेशानियों पर बल पड़े हुए हैं। ऊपर से सोशल मीडिया के जरिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत का अहसास दिखाने और सवर्ण समाज के हितों पर लगातार हो रहे कुठाराघात के खिलाफ नोटा बटन को दबाने के आह्वान की मुहिम ने सभी पार्टी के नेताओं की नींद उड़ा दी है। इस मुहिम से सबसे अधिक चिंतित भाजपा नजर आ रही है।क्‍योंकि उसका सबसे बड़ा परंपरागत मतदाता सवर्ण समाज ही है। ऐसे में पश्चिम उत्‍तर प्रदेश भाजपा नोटा की नई परिभाषा मोदी नाम के साथ गढ़ कर विपरित हवाओं को अपने पक्ष में मोड़ने का प्रयास कर रही है। टि्वटर (@upwestbjp) पर मोदी की एक आकर्षक मुद्रा वाली फोटो के साथ 'NOTA' का मतलब लिखा है-
N - NaMo
O - One
T - Time
A - Again
2019

कहीं उल्‍टा न पड़ जाए दांव
इस ट्वीट को भाजपा के बड़े नेता भी लाइक कर रहे हैं। अब देखना यह है कि नोटा की ये नई परिभाषा कमल के निशान पर बटन दबाने के रूप में बदलती है या फिर भाजपा के लिए आत्‍मघाती गोल साबित होती है। कहीं भाजपा को वोट देने वाला कम पढ़ा लिखा मतदाता इस नई परिभाषा से दिग्‍भ्रमित होकर कहीं नोटा का बटन ही ना दबा दे ये सोच कर इसी बटन को दबाने से ही मोदी जी जीतेंगे। 

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