रोहतक। आपका लाडला पिज्जा खाने का शौकीन है और गम्मी पिज्जा खाने की जिद कर रहा है तो जरा संभलकर इसका चयन करें, क्योंकि इसमें गोमांस की परत होती है। पैकेट पर इस बारे में साफ-साफ लिखा है।
इतना ही नहीं जिस पैकेट में यह खाद्य सामग्री है, उस पर उत्पाद के वेज या नानवेज होने की पुष्टि करने वाला लोगो तकनहीं है।
इन दिनों बच्चे जाने-अनजाने गोमांस का सेवन कर रहे हैं। यह गोमांस उन्हें पिज्जा के गम्मी पैक के जरिए दिया जा रहा है। 15 ग्राम के छोटे से रंग-बिरंगे पैकेट में बंद यह पिज्जा हर गली व चौराहे पर बनी दुकानों पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इस पैकेट में पांच स्लाइस होते हैं। जिनमें एक-एक परत गोमांस की लगी होती है। इस बारे में कंपनी ने अपने उत्पाद पर स्पष्ट शब्दों में लिखा है। उत्पाद को
तैयार करने के लिए प्रयोग की गई सामग्री में इसका उल्लेख है। रैपर पर अंग्रेजी में 'बीफ जिलेटिन' शब्द भी लिखा हुआ है। इसका अर्थ है, गोमांस की परत। यह संदेश बेहद महीन शब्दों में छपा है। चूंकि ज्यादातर बच्चे न तो अंग्रेजी जानते हैं और न ही खाने-पीने की चीजों में सावधानी बरतते हैं। ऐसे में बच्चे अनजाने में ही गोमांस का सेवन कर रहे हैं। इसकी बिक्री से कंपनी चांदी कूट रही है।
इस बारे में कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पिज्जा के बहाने लोगों को सरेआम गोमांस परोसा जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से इस बारे में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
पीजीआई के एक चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीफ जिलेटिन शब्द भी इस उत्पाद की निर्माण सामग्री में शामिल है। संदेश के अनुसार गोमांस की परत पिज्जा में प्रयोग होती है।
शहर में यह पिज्जा अनेक स्थानों पर धड़ल्ले से बिक रहा है। शहर के प्रताप चौक, डी-पार्क, माल गोदाम रोड, किला रोड, गोहाना अड्डा मार्केट, स्कूलों की कैंटीन के अलावा बेकरियों व किरयाणा स्टोर पर दस रुपये प्रति पीस बेचा जा रहा है। थोक विक्रेता इसे सात रुपये में बेच रहे हैं।
इंडोनेशिया की है कंपनी
पिज्जा बनाने में गोमांस का प्रयोग करने वाली यह कंपनी इंडोनेशिया की है। पैकेट पर उत्पाद को तैयार करने में प्रयोग करने वाली दर्जनभर सामग्री के नाम छपे होते हैं।
[साभार: दैनिक जागरण]
इतना ही नहीं जिस पैकेट में यह खाद्य सामग्री है, उस पर उत्पाद के वेज या नानवेज होने की पुष्टि करने वाला लोगो तकनहीं है।
इन दिनों बच्चे जाने-अनजाने गोमांस का सेवन कर रहे हैं। यह गोमांस उन्हें पिज्जा के गम्मी पैक के जरिए दिया जा रहा है। 15 ग्राम के छोटे से रंग-बिरंगे पैकेट में बंद यह पिज्जा हर गली व चौराहे पर बनी दुकानों पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इस पैकेट में पांच स्लाइस होते हैं। जिनमें एक-एक परत गोमांस की लगी होती है। इस बारे में कंपनी ने अपने उत्पाद पर स्पष्ट शब्दों में लिखा है। उत्पाद को
तैयार करने के लिए प्रयोग की गई सामग्री में इसका उल्लेख है। रैपर पर अंग्रेजी में 'बीफ जिलेटिन' शब्द भी लिखा हुआ है। इसका अर्थ है, गोमांस की परत। यह संदेश बेहद महीन शब्दों में छपा है। चूंकि ज्यादातर बच्चे न तो अंग्रेजी जानते हैं और न ही खाने-पीने की चीजों में सावधानी बरतते हैं। ऐसे में बच्चे अनजाने में ही गोमांस का सेवन कर रहे हैं। इसकी बिक्री से कंपनी चांदी कूट रही है।
इस बारे में कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पिज्जा के बहाने लोगों को सरेआम गोमांस परोसा जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से इस बारे में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
पीजीआई के एक चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीफ जिलेटिन शब्द भी इस उत्पाद की निर्माण सामग्री में शामिल है। संदेश के अनुसार गोमांस की परत पिज्जा में प्रयोग होती है।
शहर में यह पिज्जा अनेक स्थानों पर धड़ल्ले से बिक रहा है। शहर के प्रताप चौक, डी-पार्क, माल गोदाम रोड, किला रोड, गोहाना अड्डा मार्केट, स्कूलों की कैंटीन के अलावा बेकरियों व किरयाणा स्टोर पर दस रुपये प्रति पीस बेचा जा रहा है। थोक विक्रेता इसे सात रुपये में बेच रहे हैं।
इंडोनेशिया की है कंपनी
पिज्जा बनाने में गोमांस का प्रयोग करने वाली यह कंपनी इंडोनेशिया की है। पैकेट पर उत्पाद को तैयार करने में प्रयोग करने वाली दर्जनभर सामग्री के नाम छपे होते हैं।
[साभार: दैनिक जागरण]
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