मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को सरकार ने 25 अक्तूबर, 2011 को स्वीकार कर ली थी तथा दिनांक 11 नवम्बर, 2011 को भारत के राजपत्र में की अधिसूचना संख्या सां.आ. संख्या 2532(अ) द्वारा इसे अधिसूचित किया गया था। इस आदेश की एक प्रति निम्नवत पुन: दी गयी है:-
भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
आदेश
नई दिल्ली, दिनांक 11 नवम्बर, 2011
का.आ. 2532 (अ.)- केन्द्रीय सरकार को पत्रकारों तथा गैर-पत्रकार समाचार पत्र कर्मचारियों तथा समाचार एजेंसी कर्मचारियों के संबंध में वेतन दरें निर्धारित अथवा संशोधित करने के लिए समर्थता प्रदान करने के प्रयोजन से, श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा-शर्तें) एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1955(1955 का 45) की धारा 9 और 13ग के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा श्रम और रोजगार मंत्रालय में 24 मई, 2007 को, अधिसूचना संख्या का.आ. 809(अ.) तथा 810(अ.) दिनांक 24 मई, 2007 द्वारा दो वेतन बोर्ड गठित किए गए थे;
और, इन बोर्डों को अपनी रिपोर्टें भारत सरकार को प्रस्तुत करने हेतु भारत के राजपत्र (असाधारण) में अधिसूचना - का.आ.सं. 1066(अ.) तथा 1067(अ.) दिनांक 3 जुलाई, 2007 द्वारा तीन वर्ष का समय दिया गया। अपनी रिपोर्टें प्रस्तुत करने हेतु वेतन बोर्डों का कार्यकाल, अधिसूचना संख्या का.आ.सं. 1304(अ.) तथा का.आ.सं. 1305(अ.) दिनांक 2 जून, 2010 द्वारा 31 दिसम्बर, 2010 तक बढ़ा दिया गया;
और, उक्त वेतन बोर्डों ने केन्द्रीय सरकार को अपनी सिफारिशें 31 दिसम्बर, 2010 को प्रस्तुत कर दीं;
और, एबीपी प्रा.लि. और अन्य बनाम भारत सरकार तथा अन्यों के मामले में भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष रिट याचिका (सिविल) संख्या 246/2011 लंबित है जिसमें वेतन बोर्डों के गठन और इसकी सिफारिशों को चुनौती दी गई है;
और, केन्द्रीय सरकार ने विधिक मत लिया है और उक्त मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अध्यधीन, उक्त अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत आदेश जारी करने की सलाह दी गई है;
़ और, केन्द्रीय सरकार, रिपोर्ट के भाग-V के अध्याय-XIX, जो अनुबंध 1(क) के रूप में संलग्न है और रिपोर्ट के उक्त भाग-V के अध्याय XX, जो अनुबंध 1 (ख) के रूप में संलग्न है, में उल्लिखित उक्त वेतन बोर्डों की सिफारिशों को एतदुपरांत किए जा रहे विनिर्दिष्ट कतिपय संशोधनों, जो केन्द्रीय सरकार की राय में सिफारिशों के स्वरूप में महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं करते, के अध्यायधीन स्वीकार किए जाने का प्रस्ताव करती है;
अत:, अब श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा-शर्तें) एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1955(1955 का 45) की धारा 12 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा दिनांक 15 दिसम्बर, 2000 के का.आ. संख्या 1125 (अ.) द्वारा यथा संशोधित दिनांक 05 दिसम्बर, 2000 की अधिसूचना का.आ. 1086 के अधिक्रमण में ऐसे अधिक्रमण से पूर्व की गई अथवा किए जाने से रह गई बातों के सिवाय, केन्द्रीय सरकार एतद्द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अध्यधीन यह आदेश करती है, कि-
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http://labour.nic.in/