Sunday, August 19, 2012

प्रेमी युगल बह गया देखता रहा प्रशासन







बेरमो [बोकारो]। वे मदद के लिए इशारा करते रहे और प्रशासनिक अमला मूकदर्शक बना देखता रहा। आखिरकार वही हुआ जिसका डर था... एक तेज लहर... और जिंदगी की डोर को पकड़े रखने में मददगार बने पत्थर का भी सहारा छूटा... सहारा क्या छूटा, जैसे जिंदगी ने ही मुंह मोड़ लिया... फिर क्या था, दोनों प्रेमी युगल लहरों में ऐसे गुम हुए... जैसे उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था।


यह मार्मिक नजारा था झारखंड के बेरमो में तेनुघाट डैम का जहां, मंगलवार को एकाएक पानी छोड़े जाने से एक युवक व युवती अकाल मौत के मुंह में समा गए। ऐसा नहीं था उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, परंतु प्रशासनिक अमला हाथ पर हाथ धरा बैठा रहा।


चंद्रपुरा प्रखंड के राजाबेड़ा रेलवे पुल के समीप दामोदर नदी के बीच में एक बड़े पत्थर पर बैठा एक प्रेमी जोड़ा अपनी ही दुनिया में मग्न था, तभी डैम से छोड़े पानी से नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। पानी से अठखेलियां करते इस प्रेमी युगल को जब तक खतरे की भनक लगी तब तक काफी देर हो चुकी थी। अपने को चारों तरफ से पानी में घिरा देखकर दोनों किनारे पर खड़े लोगों से मदद के लिए इशारे करने लगे। नदी में पानी का वेग देख कोई भी उनको बचाने के लिए आगे आने की हिम्मत न कर सका। इसकी सूचना मिलने पर बीडीओ पवन कुमार महतो, सीओ राजेश कुमार साहू व थाना प्रभारी अकील अहमद भी मौके पर पहुंचे। परंतु वे जैसे तमाशा देखने आए हों। प्रेमी युगल अपनी जिंदगी बचाने के लिए हाथ-पैर मार रहा था, परंतु पानी की तीव्रता के आगे उनके सब प्रयास विफल होते नजर आ रहे थे। घंटा दर घंटा बीतने लगा, प्रशासन था कि कोई प्रयास करके राजी नहीं था, आखिरकार कब तक प्रेमी युगल पानी के वेग का सामना कर पाता। नदी में उठी एक तीव्र लहर ने उनको पत्थर से उठा कर अपने आगोश में ले लिया और दूर तक बहा ले गई।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ऐसा नहीं था कि उनको बचाया नहीं जा सकता था, परंतु वहां पहुंचे अधिकारियों ने कुछ नहीं किया। वे एक घंटे तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। वे चाहते तो उनको बचाने के लिए प्रयास कर सकते थे। नदी में बहनेवाली लड़की की उम्र करीब 16 वर्ष और युवक की उम्र करीब 20 वर्ष थी। दोनों ने इशारों से बताया था कि वे लोग नदी के उस पार के रहने वाले हैं। (घटना मंगलवार, 14 अगस्‍त, 2012 की है)


दृश्य एक : नदी की तेज धार में फंसे युवक और युवती।

दृश्य दो : नदी की बीच धार में बहते दोनों की तस्वीर।

दृश्य तीन : और इस तरह डूब गये दोनों।

दृश्य चार : मूकदर्शक बने देखते बीडीओ, सीओ, थानेदार व ग्रामीण।

[जयशरण पुरी]

साभार- दैनिक जागरण